नमस्कार देवियों और सज्जनों Crazyhindi.com पर आपका एक बार फिर से स्वागत है. आज के इस लेख में हम Essay on स्वच्छता का महत्व या swachata ka mahatva par nibandh in Hindi के बारे में जानने वाले हैं. आज यह Article आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है. इसलिए इस article को पूरा ध्यान से पढ़िएगा
आइए बात करते हैं स्वच्छता का जीवन में क्या महत्व है? (Essay on swachata ka mahatva in hindi).
Role of Cleanliness – स्वच्छता की भूमिका
सबसे पहले हमें “स्वच्छता” शब्द का अर्थ पता होना चाहिए। उसके बाद ही हम स्वच्छता के बारेमे कुछ बता सकेंगे.
स्वच्छता का अर्थ होता है हमारे शरीर, मन और चारो तरफ की चीजो की सफाई रखना। स्वच्छता को मानव समुदाय के एक सबसे आवश्यक गुणों में से एक माना जाता है। विभीन्न प्रकार की बीमारियो से बचने का यह बिलकुल सरल उपाय है।
स्वच्छता जीवन की आधारशिला है। इसमें मानव की गरिमा, शालीनता, और आस्तिकता के दर्शन होते है। स्वच्छता के द्वारा मानव की सात्विक वृति को बढ़ावा मिलता है। इसलिए हर एक इंसान को स्वच्छता का महत्व (Importance of Cleanliness in Hindi) जानना जरूरी है।
आशा करता हु की आपको जीवन में स्वच्छता की भूमिका पता चल गई होगी। तो अब स्वच्छता का महत्व (swachata ka mahatva in hindi) भी जान लेते है।
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स्वच्छता का महत्व हिंदी निबंध – Swachata par nibandh hindi mein
स्वच्छता हर एक मनुष्य को मानसिक, सामाजिक , बौद्धिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने के लिए जरूरी है। भारतीय संस्कृति में भी वर्षों से मान्यता है कि जहां पर स्वच्छता होती है वहां पर लक्ष्मी का वास होता है गुजराती में भी एक कहावत है – “સ્વચ્છતા ત્યાં પ્રભુતા“.
हमारा भारत के धर्म ग्रंथों में भी साफ सफाई और स्वच्छता से जुड़े कई निर्देश दिए गए हैं. भारत देश के एक वास्तविकता यह है कि यहां पर अन्य स्थानों की अपेक्षा सबसे अधिक गंदगी पाई जाती है।
धार्मिक स्थलों पर विविध आयोजनों के दौरान लाखों श्रद्धालु नेकेड स्वच्छता से अंजान होकर बहुत गंदकी फैलाते हैं। स्वस्थ शरीर, तन और आत्मा के लिए स्वच्छता बहुत ही महत्वपूर्ण है।
शारीरिक स्वच्छता के साथ-साथ हमारे आचरण कि स्वच्छता बहुत जरूरी होती है शुद्ध आचरण से मनुष्य का चेहरा उज्जवलित या तेजोमय रहता है। जिसके कारण सभी लोग उस व्यक्ति को आदर की दृष्टि से देखते हैं। स्वास्थ्य रक्षा के लिए भी स्वच्छता बहुत अनिवार्य होती है। जब मनुष्य स्वच्छ रहता है तो उसमें एक तरह की स्फूर्ति और प्रसन्नता आति है।
स्वच्छता हमे मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, और बौद्धिक हर तरीके से स्वस्थ बनता है। सामान्यतः, हमने हमेशा अपने घर मे ये ध्यान दिया होगा कि हमारी दादी और मां पूजा से पहले स्वच्छता को लेकर सख्त होती है, तब हमें यह व्यवहार कुछ अलग नहीं लगता, क्योंकि वो बस साफ सफाई को हमारी आदत बनाना चाहती है। लेकिन वो ग़लत तरीका अपनाती है, क्योंकि वो स्वच्छता के उद्देश्य और फायदे को नहीं बताती है, इसी वजह से हमे स्वच्छता का अनुसरण करने में समस्या आती है।
हर अभीवावक को तार्किक रूप से स्वच्छता के उद्देश्य, फायदे और जरूरत आदि के बारे में अपने बच्चो से बात करनी चाहिए। उन्हे जरूर बताना चाहिए कि स्वच्छता हमारे जीवन में खाने और पानी की तरह पहली प्राथमिकता है।
अपने भविष्य को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिए हमे हमेशा खुद को और अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिए। हमे साबुन से नहाना, नाखूनों को काटना, साफ और इस्त्री किए हुए कपड़े आदि कार्य रोज करना चाहिए। घर को कैसे स्वच्छ और शुद्ध बनाए ये हमे अपने माता-पिता से सीखना चाहिए। हमे अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिए ताकि किसी प्रकार की बीमारी ना फैले। कुछ खाने से पहले और खाने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए। हमे पूरे दिन साफ और शुद्ध पानी पीना चाहिए, हमे बाहर के खाने से बचना चाहिए, साथ ही ज्यादा मसालेदार और तैयार पेय पदार्थ से परहेज़ करना चाहिए। इस प्रकार हम खुद को स्वच्छ के साथ-साथ स्वस्थ भी रख सकते है।
जिन लोगो को गांधी आदते होती हैं वो भी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों को फैलाते है। संक्रमित रोग बड़े क्षेत्रों में फैलाते है और लोगो को बीमार करते है, कई बार तो इससे मौत भी हो जाती है। इसलिए, हमे नियमित तौर पर अपने स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। हम जब भी कुछ खाने जाए तो अपने हाथो को साबुन से धो ले। अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमे बिल्कुल साफ कपड़े पहनने चाहिए। स्वच्छता से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और दुसरो का भी हम पर भरोसा बनता है। ये एक अच्छी आदत है जो हमे हमेशा खुश रखेगी। ये हमे समाज मे बहुत गौरांवित महसूस कराएगी।
स्वच्छता की आवश्यकता – Requirement of Cleanliness In Hindi

अब तक हमने जाना कि जीवन में स्वच्छता का महत्व क्या होता है. अब इस swachata ka mahatva par nibandh in hindi मैं हम यह जानने वाले हैं कि स्वच्छता की आवश्यकता क्या है?
साफ सुथरा रहना हरेक मनुष्य का प्राकृतिक गुण है और वह अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखना पसंद करता है। मनुष्य अपने कार्यस्थल पर गंदकी नही फैलने देता है। क्योंकि अगर कोई मनुष्य कार्यस्थल पर सफाई नहीं रखेगा तो मच्छर, मक्खी और साप जैसे कई हानिकारक जीव या कीड़े-मकोड़े आपके घर में प्रवेश करेंगे। जिससे अनेक प्रकार के रोग और कीटाणु घर में चारों तरफ फैल जाएगी।
मेने बहुत सारे लोगों को यह कहते सुना है कि सफाई की जिम्मेदारी सरकारी एजेंसियों की होती है। इसलिए वह कुछ ना करके सारी जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ देते हैं। जिसकी वजह से चारों तरफ गंदगी फैल जाती है और अनेक प्रकार के रोग और बीमारियां पैदा होती है।
मनुष्य जब तक स्वच्छता का महत्व (swachata ka mahatva) नही समजेंगे तब तक वह अपने आप को सभ्य और सुसंस्कृत नहीं कह सकते हैं। भारत में ऐसा माना जाता है कि गंदकी और बीमारी हमेशा एक साथ शरीर में आती हैं। इसलिए शरीर को स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रखने के लिए स्वच्छता बहुत ही आवश्यक है।
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स्वच्छता संबंधी अभियान
भारत सरकार ने स्वच्छता की आवश्यकता को समजते हुए स्वच्छ भारत नामक अभियान को भी चलाया जिसकी शरुआत 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के मौके पर की गई। पर कोई भी अभियान के केवल सरकार मात्र नहीं चला सकती, आवश्यकता है वह के नागरिकों में जागरूकता फैलाना की।
इस अभियान के तहत सरकार ने शहर एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा दिया है और पूरे भारत को खुले में शौच मुक्त करने का प्रण लिया है। अब तक 98 प्रतिशत भारत को खुले मे शौचमुक्त बनाया जा चुका है। इसी प्रकार कई अन्य अभियान है जैसे निर्मल भारत, बल स्वच्छता अभियान आदि। सबका उदेश्य भारत में स्वच्छता को बढ़ावा देना है।
स्वच्छता के उपाय – Hygiene measures in Hindi
अगर आप अपने घर और आसपास के विस्तार में से सफाई रखेंगे तो आप लोग बहुत से कीटाणुओं को नष्ट कर देंगे। सफाई रखकर मनुष्य प्रशंसा और प्रसन्नता को भी प्राप्त कर लेता है। सफाई के माध्यम से मनुष्य वातावरण को दूषित होने से भी बचा सकता है।
कई लोग स्वच्छता को बहुत ही कम महत्व देते हैं और ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहां पर आसपास में कूड़ा और कचरा फैला रहता है। उन्हें अपने व्यवहार में परिवर्तन करके अपने आसपास के क्षेत्र को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए ताकि वह रोगमुक्त जीवन बिता सके।
रसोई और खाने पीने की वस्तुओं का साफ होना बहुत ही जरूरी है इसीलिए घर या फिर रसोई की वस्तुओं को इस्तेमाल करने के बाद निरंतर साफ करना चाहिए। बाजार से लाए गए फल, सब्जी या अनाज को अच्छी तरह से धोकर उपयोग में लेना चाहिए। कपड़ों में कीटाणुओं का वास होता है इसलिए हमें हमेशा साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए।
इसके साथ-साथ अपने शरीर की स्वच्छता का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है। प्रतिदिन स्नान करना चाहिए और अपने शरीर की गंदगी को नष्ट करना चाहिए। सप्ताह में कम से 2 बार साबुन से नहाना चाहिए ताकि हमारा शरीर से चिपके हुए कीटाणुओं को नष्ट किया जा सके। नाखूनों को बढ़ने नहीं देना चाहिए क्योंकि नाखुनो में की गंदकी से भी अनेक प्रकार की बीमारियां फैलती है।
जिस प्रकार घरकी सफाई की जिम्मेदारी घर के सदस्यों की होती है उसी प्रकार बाहर की सफाई की भूमिका पूरे समाज की होती है। कई लोग घर के बाहर कचरा खुले में डाल देते हैं। उन्हें अपनी गंदकी का निष्पादन ठीक प्रकार से करना चाहिए ताकि आसपास का विस्तार और वातावरण शुद्ध रह सके।
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अस्वच्छता से होने वाली हानियाँ – Uncleanliness losses
जब लोग ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहां पर चारों तरफ कूड़ा और कचरा फैला होता है नालियों में गन्दा जल, रास्ते पर सड़ती हुई वस्तुए पड़ी होती है इसकी वजह से क्षेत्र में बदबू उत्पन्न होती है और वहां से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे स्थानों पर पर कई लोग रोगों से संक्रमित हो जाते हैं और वहां की धरती, जल, और वायु भी प्रदूषित हो जाती है।
इसके अलावा बाजार या बाजार मेले में हम जो भोजन खाते हैं वह कीटाणुयुक्त होता है और उनसे हमारे शरीर में कई रोग उत्पन्न होते हैं। कई उद्योग, फैक्ट्री या मिल से निकलने वाला कचरा सीधे जमीन पर या नदी नाले में बहा दिया जाता है जिससे कई बीमारियों का जन्म होता है।
इस प्रकार से आधुनिक सभ्यता और हानिकारक उद्योग पूरी दुनिया को प्रदूषण के की ओर ले जा रहे हैं। हम भारतीय कहीं भी कचरा फेंक देते हैं क्योंकि हम साफ सफाई के लिए गंभीर नहीं होते हैं और फिर बाद में हम सरकार को इसके लिए कोसते है।
हमे स्वच्छता में बाधक तत्वों पर रोक लगा देनी चाहिए क्योंकि ऐसे तत्व समाज में बीमारी और खराब स्वास्थ्य के अलावा कुछ प्रदान नही करते है। हम सबको स्वच्छता के लिए संचालित सभी सरकारी, गैर सरकारी संस्था को सपोर्ट करना चाहिए जो लोगो को स्वच्छ और स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करती है।
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स्वच्छता के लिए नारे – Slogans for Cleanliness
दोस्तों में आशा करता हु की अब आपको स्वच्छता का महत्व हिंदी में ठीक से समज आ गया होगा। आगे इस में हम swachata ka mahatva par nibandh in hindi आपको कुछ बढ़िया नारे बता रहे है जिससे आप लोगो में जाग्रति पैदा कर सकते है।
- सभी रोगों की एक दवाई घर में रखो साफ-सफाई।
- स्वच्छता का दीप जलाएं, चारों ओर उजाला फैलाएं।
- स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत।
- प्रदूषण से पीड़ित लगते गाँव-शहर बेजान, स्वच्छता से होगी अब गाँव-शहर की पहचान।
- हम सब ने अब ये ठाना है, भारत स्वच्छ बनाना है।
- आओ मिलजुलकर स्वच्छता अभियान के गीत गाए, स्वच्छता अभियान हो सफल मिलकर खुशियां मनाएं।
- रखे स्वच्छता यही स्वस्थ्यता का आधार है, सुंदर गाँव-शहर बनने के यही तो आसार है।
- साफ-सफाई के लिए हुआ ये कैसा अजब कमाल, स्वच्छता के लिए हटाया सबने प्रदूषण का जाल।
- खतरों से भरा हो यदि रास्ता हमारा, सफाई से सुंदर बनेगा नगर न्यारा।
- सफाई करने से नगर में उजियारा छाया, कचरे से मुक्त नगर सबके मन को भाया।
- आइये साफ-सफाई करके दिखाए, नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाए।
- सफाई अपनाएं, बीमारी हटाएँ।
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उपसंहार for swachata ka mahatva par nibandh in hindi
स्वच्छता रखना केवल हमारी सरकार का काम नहीं है यह हम सभी लोगों का कर्तव्य है इसलिए सभी देशवासियों को मिलजुलकर स्वच्छता के प्रति हाथ बढ़ाना चाहिए और समाज को साफ सुथरा रखना चाहिए। समाज के सभी सदस्यों को आसपास की नदी या तालाब जिले और झरणों के पानी में गंदकी को रोकने के लिए अपना योगदान देना चाहिए।
सरकार को भी अधिक से अधिक पेड़ और पौधे लगाने चाहिए और वायु को प्रदूषित करने वाले उद्योग या फैक्ट्री पर रोक लगाना चाहिए।
दोस्तों आपको आज का मेरा यह लेख Essay on स्वच्छता का महत्व या Swachata ka mahatva par nibandh hindi mein पसंद आया होगा. अगर आपको आज का हमारा यह लेख Essay on स्वच्छता का महत्व in hindi पसंद आया तो इसे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. और सोशल मीडिया पर शेयर करना बिल्कुल ना भूलें. मिलते है ऐसे ही एक जबरदस्त आर्टिकल के साथ. तब तक के लिए जहां भी रहो फोड़ते रहो.
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