Dussehra पर Nibandh 2022 का सबसे अच्छा निबंध हिन्दी में

 

हैल्लो दोस्तो कैसे है आप सभी! आशा करते है आप सभी एक दम स्वस्थ होंगे, दोस्तो हम सभी ने देखा है कि भारत मे हर साल अश्विन के महीने में विजय दशमी का त्योहार मनाया जाता है। इसी त्योहार के बाद मनाया जाता है हिंदुओ द्वारा मनाया जाने वाला उनका सबसे बड़ा त्योहार जिसे विजय दशमी या दशहरा भी कहते है। आज हम इसी मशहूर त्योहार पर एक प्यारा सा निबन्द लिखने वाले है जिसका नाम है” दशहरा पर निबंध” Dussehra Par Nibandh दशहरा से जुड़े बहुत ही अच्छे-अच्छे तथ्य आदि को जानने के लिए हमारे द्वारा लिखे गए निबंध दशहरा पर निबंध को पूरा पढ़िए । दोस्तो जैसा कि हमने आप सभी को बताया कि दशहरा भारत मे हिंदुओ द्वारा मनाए जाने वाले बहुत से महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भारतीय संस्कृति से मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है। 

जैसा कि इस त्योहार के नाम से ही साफ है “दशहरा” मतलब दस दिनों का त्योहार इसीलिए यह त्योहार भारतीय संस्कृति के त्योहारों में सबसे  लंबे दिनों तक मनाया जाने वाला और सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाले त्योहारों में से भी एक त्योहार है। पूरे भारत देश में लोग बड़े ही हर्षोलाश और प्रेम के साथ दशहरे के त्योहार को मनाते हैं। क्योंकि इस दिन श्री राम लंका पति रावण का वध करके और युद्ध मे विजय प्राप्त करके अपने चौदह साल के वनवास पर से अपने घर लौटे थे इसलिए भारतीय लोग इस त्योहार को भारत के कई प्रान्त में विजय दशमी के रूप में भी मनाते है। बड़े बुजुर्गों का यह मानना है कि दशहरा का पावन पर्व और इस त्योहार का शुभ समय सभी के लिए खुशीयाँ मनाने का समय होता है। भारत मे इस त्योहार के दिन सामूहिक छुट्टी की घोषणा की जाती है और छोटे बड़े सभी छात्रों को इस त्योहार का पूरा आनंद उठाने और मस्ती करने के लिए उनके स्कूलों और कॉलेजों को दस दिन की लंबी छुट्टियां के लिए बन्द किया जाता है , जिसका छात्र अपने दोस्तो और परिवार के साथ भरपूर आनंद उठाते हैं। दशहरे का त्योहार क्यूँ मनाया जाता है अथवा इससे जुड़ी सभी जानकारी आज हम इस निबंध में आप सभी को बताने वाले है।

Dussehra पर Nibandh

दोस्तो अपना बचपन तो सभी को याद होता ही है आप सभी को अपने बचपन के थोड़े बहुत दिन याद ही होंगे, जब आप पहली या दूसरी कक्षा में होंगे और आपके अध्यापक आप सभी को दशहरे पर निबंध लिखने को कहते थे, सभी बच्चे अपने अपने विचार उस निबंध में लिखते थे। छात्रों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध लिखने को भी कहा जाता है,ऐसा इसलिए कहा जाता है ताकि आप सभी छात्रों की दशहरे के त्योहार के प्रति उत्सुकता और जिज्ञासा बनी रहे और उन्हें दशहरे के बारे सम्पूर्ण जानकारी भी मिले। और आज का हमारा यह निबंध पढ़ने के बाद आपको भी उसी उत्साह और जानकारी का अनुभव होगा आज हम दशहरा पर निबंध कई तरह से मतलब दो सौ शब्द चार सौ शब्द और पाँच सौ शब्द और विस्तार में दशहरा पर निबंध देने वाले है जिनका उपयोग आप कर सकते हैं।

Dussehra par nibandh से जुड़ी कुछ जानकारी

दशहरा अश्विन यानी सितंबर-अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है विजय दशमी का यह त्योहार दिवाली से 20 या 40 दिन पहले मनाया जाता है ।विजय दशमी का यह त्यौहार ज्यादातर हर वर्ष सितंबर या अक्टूबर महीने के आसपास मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह पर्व आश्विन मास यानी September October के महीने में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म से ताल्लुक रखने वाले एवं सनातन धर्म को मानने वाले सभी लोग दशहरा त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते है। इस दिन वह सभी रावण का पुतला फूंक कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संकेत देते है ।

दशहरे के त्यौहार से जुड़ी ऐसी मान्यता है कि यह त्योहार सभी के लिए खुशीयाँ लेकर आता है और खुशियों को बड़े धूम धाम से मनाने के अवसर लेकर आता है। इस त्योहार पर परिवार के सभी एवं पड़ोसी और रिश्तेदार आदि लोग प्यार और भाईचारे के साथ एक साथ मिलकर पूजा के लिए तैयारी करते हैं और अच्छे अच्छे कपड़े और आभूषणों की ढेर सारी खरीदारी करते हैं।

Dussehra par nibandh 10 लाइन में

दोस्तो यहाँ हम आज आपको दशहरे के त्योहार पर निबंध प्रदान कर रहे है अगर आप सभी की इस त्योहार से जुड़ी जरुरी जानकारियाँ प्राप्त करना चाहते है और इस त्योहार को कैसे और क्यूँ मनाया जाता है यह जानना चाहते है तो आप हमारे निबंध को अवश्य पढ़ सकते है। यह निबंध आप सभी के लिए एक मार्गदर्शक बनके आपके छोटे बहन भाई जोकि छोटी कक्षाओं में पढ़ते है उनके लिए भी लाभदायक होगा। दोस्तो यह हम आपके लिए 10 लाइनों का दशहरे पर निबंध प्रदान कर रहे है ।

  1. दशहरा हिन्दू धर्म एक बहुत अच्छा त्योहार है जिसे पूरे भारत में मनाया जाता है
  2. दशहरा का त्योहार दीवाली के पहले सितम्बर अक्टूबर में मनाया जाता है
  3. दशहरा के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है
  4. दशहरा को विजयदशमी भी कहते हैं
  5. दशहरा से पहले नौं दिन राम लीला का आयोजन होता है
  6. और दशहरा के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है
  7. दशहरा के दिन समस्त भारत में हर जगह मेला लगता है जहाँ पर सभी लोग जाती है
  8. दशहरा के दिन और दशहरा से पहले नौरात में लोग दुर्गा मां की पूजा करते हैं सात में बहुत से लोग व्रत भी रखते हैं
  9. दशहरा हमें सच्चाई की राह पर चलने का संदेश देता है क्योंकि जीत सच्चाई की ही होती है
  10. विजयदशमी के दिन पूरे साल के लिए हमें कुछ अच्छा संकल्प लेना चाहिए और उसे पूरे साल करना चाहिए

dussehra par nibandh 150 words

दशहरा हिंदू धर्म का एक बहुत ही बड़ा और पवित्र त्यौहार है जो की सितंबर और अक्टूबर के महीने में पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है इसे समस्त भारत मनाता है क्योंकि दशहरा को अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक भी माना जाता है कहां जाता है कि दशहरा के दिन ही भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी दशहरा के दिन समस्त भारतवर्ष में खुशहाली का माहौल होता है और माता दुर्गा की पूजा होती है साथ में रावण का पुतला भी जलाया जाता है

दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है दशहरा से पहले 9 दिन रामलीला होती है और दसवे दिन दशहरा मनाया जाता है दशहरा के दिन रावण के साथ-साथ कुंभकरण और मेघनाथ केवी पुतले जलाए जाते हैं दशहरा के दिन हर जगह जगह मेले का भी आयोजन होता है जहां पर बच्चे बूढ़े और जवान सभी लोग जाते हैं दशहरा त्योहार हमें सदा सच्चाई और अच्छाई की राह पर चलने का और बुराई का साथ कभी न देने का संदेश देता है

दशहरे के त्योहार पर निबंध :- 300 शब्द में

Dussehra par nibandh 10 लाइन में जानने के लिए आप नीचे दिए गए बिंदुओं पर नजर डाल सकते हैं। यहाँ आपके लिए दशहरा निबंध 10 पर लाइन दिया गया है-

प्रस्तावना

दशहरा भारतीय संस्कृति का एक बहुत ही पावन त्योहार है जिसे खुसी और बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए भी जाना जाता है दशहरा हिन्दु धर्म को मानने वाले लोगो का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। भारतीय संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ है बुराइयों से छुटकारा एवं बुराइयों पर अच्छाई की जीत है। यह हिंदू धर्म को मानने वाले लोगो के लिए बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक एवं जश्न मनाने वाले प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। दशहरा रामायण के महाकाव्य में राक्षशो के राजा रावण पर भगवान राम जी की जीत का प्रतीक है।

 

10वें दिन रामलीला का आयोजन

दशहरा एक पवन त्योहार है जिसे पूरे भारत देश मे भाईचारे एवं खुसी के साथ न केवल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है, बल्कि देश के अन्य सभी धर्मो जैसे, मुस्लिम ,ईसाई और सिखों द्वारा भी बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। दशहरे से पहले 9 दिन तक चलने वाले छोटे से रामायण के नाटकीय रूपांतरण को स्टेज पर आयोजित किया जाता है जिसे राम-लीला कहते है। राम लीला रामायण का एक छोटा नाट्य रूपांतरण है जिसका आयोजन आमतौर पर विजयादशमी के 9 दिन पहले किया जाता है।

 

6.दशहरा को लेकर बहुत सी आस्था जुड़ी हुई है, ऐसा मन जाता है कि दशहरा अपने साथ खुशियाँ लेकर आता है और हमारे घरों में से बुराई को निकाल फेकता है, इसलिए दशहरे को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। नवरात्रि उत्सव को भारतीय संस्कृति मे हर घर मे पूजा पाठ के साथ खुशियाँ फैलाने के लिए मनाया जाता है। राम लीला सम्पन्न होने के बाद दशहरे के दिन रावण(दस सिरों वाला राक्षश), कुंभकरण और मेघनाथ जैसे बड़े-बड़े राक्षसों के पुतले जलाए जाते हैं और इसी के साथ यह त्योहार सम्पन्न होता है। सभी तीनो राक्षसों के पुतलों को जलाया जाता है, दस सिर वाले रावण , मेघनाथ एवं कुम्भकरण को जलाते वक्त जोरदार आतिशबाजी देखने को मिलती है। दशहरा भारतीय उपमहाद्वीप में लंका के राजा रावण के बर्बर राज के अंत का प्रतीक है।

दशहरा पर निबंध 400 शब्दों में

ये 400 word का दशहरा पर सबसे अच्छा निबंध है इसे पढ़ कर आप कहीं भी लिख सकते हैं या सुना सकते हैं

प्रस्तावना

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है हिन्दी धर्म में Dussehra काफी ज्यादा धूम से मनाया जाता है क्यों की हिन्दू धर्म का दशहरा काफी महत्वपूर्ण त्योहार है

इसे लोग पूरे देश में बड़े ही उत्साह की सात दस दिन तक मनाते है नौं दिनों तक माता दुर्गा की पूजा होती है और 10वें दिन दशहरा बडे़ ही धूम से मनाया जाता है और इसी दिन लोग रावण के पुतले को भी जलाते हैं इसी कारण से इसे दशहरा कहते हैं

दशहरे का यह त्यौहार दीपावली से दो-तीन हफ्ते पहले सितंबर अक्टूबर में मनाया जाता है

दशहरा में श्री राम के भक्त और दुर्गा माता के भक्त पहले दिन और आखिरी दिन या पूरे 9 दिन पूजा पाठ और व्रत करते हैं क्योंकि इस त्यौहार को माता दुर्गा की पूजा करके ही मनाया जाता है इसे नवरात दुर्गा पूजा भी कहते हैं

प्रथम हमे अपनी अन्दर के रावण को मारना चाहिए

माता सीता को बचाने के लिए भगवान श्री राम ने रावण का वध करके उस पर विजय प्राप्त की पर्व समय एक ही रावण था लेकिन आज कलयुग में हर तरफ रावण देखने को मिलते हैं हमारे अंदर हर किसी के अंदर किसी ना कहे किसी तरीके से एक रावण कि सोच कभी न कभी आ जाती है

विजयदशमी एक बहुत ही ज्यादा शुभ दिन है और इस शुभ दिन हमें अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए रावण की तरह हमारे अंदर जो भी बुराइयां है हमें उन्हें खत्म करने का विजयदशमी के शुभ पर्व पर संकल्प लेना चाहिए

क्योंकि कहते हैं ना जिस प्रकार अंधकार के लिए दीपक का एक दिया ही काफी है उसी तरह से हमारे अंदर के रावण को मारने के लिए बस हमारी एक सोच हमारा संकल्प ही काफी है

दशहरे के त्योहार पर निबंध

अगर आप को 500 शब्द के दशहरे पर निबंध की जरुरत है तो नीचे दिए 500 शब्द के दशहरे पर निबंध को पढ़ सकते हैं दोस्तो हमने दशहरे पर निबंध 500 शब्द में आप सभी को प्रदान की है

दशहरा पर निबंध 500+ word में

नीचे Dussehra par nibandh 500 word में दे रहे हैं अगर आपको 500 word में चहिये तो नीचे का पढ़ सकते हैं

 

प्रस्तावना

जैसा कि आप सभी जानते है कि यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं पर प्रकाश डालें तो यह माना जाता है  कि दशहरे के दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। अन्य परंपराओं का यह भी मानना है कि भगवान राम ने दशहरे के दिन ही असुरों के महान राजा रावण से युद्ध किया था और उसे पराजित कर ये सिद्ध किया था कि बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो जीत हमेशा सचाई की ही होती है।

 

दशहरा पर समस्त भारत में उत्साह

पूरे भारत में लोग दशहरा को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाते हैं। विभिन्न संस्कृतियाँ होने के बावजूद त्योहार के उत्साह को प्रभावित नहीं करती हैं। विजय दशमी के अवसर पर, बंगाली लोग विजय दशमी का त्योहार मनाते हैं जो दुर्गा पूजा के दसवें दिन का प्रतीक है। विवाहित महिलाएं भी एक-दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाती हैं, जबकि अन्य स्त्रियां आपमे पड़ोसी आदि को बधाई देती है और एक दूसरे को दावत देती हैं। कुछ जगहों पर इसी दिन शस्त्र पूजा करने की भी परंपरा है।

 

दशहरा एक बड़ा धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसकी जानकारी हमने अपने निबंध “दशहरा पर निबंध” में प्रदान की है। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण में ऐसा उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी, जिसके बाद ही अमरता का वरदान प्राप्त कर चुके रावण का वध करना संभव हो सका था। दशहरा राक्षसों के राजा रावण पर भगवान राम की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। हर गांव एवं सहर में राम लीला का प्रयोजन होता है और सभी उसको आनंद के साथ देखने जाते है। जगह जगह दशहरे के त्योहार पर मेला भी लगता है जहाँ हर कोई जाकर दशहरे के साथ साथ खरीदारी एवं मेले का भी आणंद उठाते है।रामायण के छोटे अंशो को दर्शकों को नाटकीय रूप में दिखाया जाता है इस नाटकीय रुक को ही राम लीला कहते है।

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निष्कर्ष

तो दोस्तो कैसा लगा हमारे द्वारा लिखा गया यह निबंध जिसमे हमने आप सभी को दशहरे से जुड़ी सभी जानकारियाँ प्रदान की है। आशा करते है आप सभी को हमारा Dussehra Par Nibandh “दशहरे पर निबंध” बहुत पसंद आया होगा, और निबंधों के लिए जुड़े रहिये हमारे साथ धन्यवाद…!

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